ये तस्वीरे देखने में काफी साधारण लगती होगी।पर मैंने जो देखा है शायद कुछ लोगों को सुनने में अजीब सा लगें पर सत्य है।मैं इस तस्वीर के माध्यम से ये पूछना चाहती हूं कि साफ-सफाई ,खाना बनाना इत्यादि घरेलू कार्यों में औरतों को ही क्यों दर्शाया जाता है?
क्या किसी किताब में ऐसा लिखा है या फिर दुनिया के रचयिता ने किसी मनुष्य से कहा? सदियों से इसे एक परम्परा के रूप में आगे बढ़ाया गया। हमेशा महिलाओं की दुनिया घरेलू कामों के इर्द-गिर्द क्यों घूमतीं है? ये तस्वीर मुझे पहली कक्षा के पुस्तक से प्राप्त हुआ।हम बच्चों में ऐसी मानसिकता क्यों डाल रहे हैं?
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